क्या आप चोर हैं?

क्या आप –

  • किसी भी वेबसाईट या ब्लॉग आदि पर कोई फोटो (photo) या इमेज (image) या अन्य कोई चीज़ पसंद आने पर उसको सेव (save) कर लेते हैं और फिर बाद में उसको किसी वेबसाईट अथवा ब्लॉग आदि पर प्रयोग करते हैं?
  • गूगल आदि किसी सर्च इंजन में किसी खोज के दौरान आई किसी फोटो या इमेज या अन्य चीज़ को अपने मन-माफ़िक बिना उस चीज़ के मालिक की आज्ञा के प्रयोग करते हैं?

यदि इन दोनो प्रश्नों में से किसी भी प्रश्न का उत्तर हाँ में है तो सावधान, यह लगभग तय है कि आप चोरी कर रहे हैं।

गूगल आदि सर्च इंजन आपको फोटो और इमेज आदि खोजने की सुविधा देते हैं लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि आप उनको प्रयोग भी कर सकते हैं।

क्या? कैसे? क्यों?
दुनिया भर की कानून की किताबों में कॉपीराइट (copyright) नाम की चिड़िया के जीवन का प्रावधान होता है। यह एक ऐसा कानून है जो कि किसी भी बौद्धिक (intellectual), सृजनात्मक (creative), कलात्मक (artistic) विचार अथवा कार्य को उसके रचियता की जागीर बनाता है और रचियता को यह स्वतंत्रता देता है कि वह जैसे चाहे अपने माल का प्रयोग करे और दूसरा कोई उसके माल का प्रयोग उसकी मर्ज़ी के बिना न कर सके। यानि कि यदि मैंने कोई लेख लिखा है तो वह तब तक मेरा कॉपीराइटिड माल है जब तक या तो मैं उस पर अपना कॉपीराइट छोड़ के उसको पब्लिक डोमेन (public domain) का माल नहीं बना देता या उस माल पर अपना कॉपीराइट किसी अन्य को नहीं दे देता। यदि कॉपीराइट मैंने अपने पास ही रखा है तो मैं उस माल को किसी भी शर्त (लाईसेन्स – licence) के अंतर्गत किसी अन्य को प्रयोग करने का अधिकार दे सकता हूँ। दूसरा व्यक्ति जब तक उन शर्तों को मानते हुए मेरे माल का प्रयोग करेगा तब तक ठीक है, यदि वह शर्तों का उल्लंघन करता है तो मैं कानून की सहायता ले उस व्यक्ति पर मुकदमा ठोक सकता हूँ।

यहाँ कैसे लागू?
तो फोटो और इमेज आदि के संदर्भ में भी ऐसा ही कॉपीराइट का प्रावधान है। कॉपीराइट का कानून वास्तविक दुनिया में प्रिंट पर भी लागू होता है और इंटरनेट की इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में भी। तो यदि मैंने कोई फोटो ली है तो उसका कॉपीराइट मेरा है और यदि मेरी इजाज़त के बगैर उसका कोई प्रयोग करता है तो वह सीधे शब्दों में चोर है क्योंकि वह मेरा माल जबरन प्रयोग कर रहा है। गूगल आदि सर्च इंजन आपको फोटो और इमेज आदि खोजने की सुविधा देते हैं लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि आप उनको प्रयोग भी कर सकते हैं। यह ठीक वैसे ही है जिस प्रकार टेलीफोन डायरेक्टरी या येलो पेज (yellow pages) होते हैं जिनमें आप कोई भी पता फोन नंबर से तलाश कर सकते हैं लेकिन इसका यह अर्थ बिलकुल नहीं होता कि जिस फोन नंबर का पता आपने ढूँढा वह पता आपको पसंद आया तो उस पते पर मौजूद मकान आदि को आप अपने हिसाब से प्रयोग करने के लिए आज़ाद हो गए!! यदि उस पते पर मौजूद इमारत का मालिक आपको उस इमारत को प्रयोग करने की आज्ञा देता है तभी आप उसको इस्तेमाल कर सकते हैं। ठीक इसी तरह आपको यदि कॉपीराइट मालिक अपना माल प्रयोग करने की आज्ञा देता है तभी आप उसकी चीज़ को इस्तेमाल कर सकते हैं।

जारी है अगले भाग में …..

14 responses to “क्या आप चोर हैं?

  1. मैं तो flickr से ही फोटो लेता हूं। कैसे पता चलेगा कि कोई फोटो पब्लिक डोमेन में है या नहीं। खैर, आपने सावधान कर दिया, धन्यवाद। वैसे, कॉपीराइट का सम्मान हर हाल में किया जाना चाहिए।

  2. इस तरह से तो मैं भी चोर हो गया 😦

    पर, ये बताएँ, कि मान लीजिए, मैंने किसी साइट से अर्जुन सिंह या ब्रिटनी का फोटो उठाया (जो कि सेलेब्रिटी हैं, और इनके फोटो सर्वत्र उपलब्ध हैं) तो क्या वो भी चोरी हुई?

    और, क्या ये भी चोरी हुई कि किसी फोटो को इंटरनेट से उठाकर उसमें फोटो औजार से कुछ अदला-बदली कर इस्तेमाल कर लिया?

    ये भी बताएँ, कि लीगली, डैमेजेस के तौर पर ऐसी सामग्री के इस्तेमाल करने वाले को क्या समस्या हो सकती है? क्या वह तब भी चोरी हुई जब उसे साभार सहित कड़ी देते हुए इस्तेमाल किया जा रहा है? रचनाकार समेत बहुत सी साइटों जिनमें कि गिज्मेडो इत्यादि भी है, चित्रों को साभार पुनः प्रकाशित करते हैं (आमतौर पर अनुमति प्राप्त करने का झंझट नहीं मोल लेते) तो इनमें क्या लीगल कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं?

  3. हाय! तब तो हम भी चोर हुए, हमने भी कई चीजें चोरी की है, क्या करें अब ! 😦
    क्या अब भी उन चित्रों को जहा से उठाया है उनको श्रेय दे दें?

  4. लगे रहिये जी हम पढ़ रहे हैं.

  5. कॉपीराइट संबंधी क़ानून के अंतर्गत कुछ शर्तों के अधीन बगैर अनुमति के किसी सामग्री के उपयोग करने की छूट है। ये शर्तें सामग्री के प्रयोग के प्रयोजन से जुड़ी हैं। मसलन – शोध या निजी अध्ययन, समीक्षा, आलोचना, समाचारों की रिपोर्टिंग, अदालती और विधायिका की कार्यवाही, पाठकों या दर्शकों से कोई शुल्क लिए बिना किसी कलात्मक कंटेंट की शौकिया प्रस्तुति, आदि के लिए पूर्वानुमति लेने की जरूरत नहीं होती।

    एक और किस्म की छूट है। मान लीजिए कि गुलाम अली किसी प्रोग्राम में गा रहे हों और आपने मोबाइल कैमरे में उनकी गायकी को रिकॉर्ड कर लिया और उसे आप ब्लॉग या यूट्यूब पर इस्तेमाल कर रहे हों तो उस पर गुलाम अली कॉपी राइट का मुकदमा नहीं ठोंक सकते।

    एक और बात, विचारों (ideas & concepts) का कोई कॉपीराइट नहीं होता, केवल अभिव्यक्ति का होता है।

  6. लेकिन उपर्युक्त छूटों के तहत कॉपीराइट वाली किसी सामग्री का बगैर पूर्वानुमति के प्रयोग करते समय भी courtesy (आभार) के तौर पर मूल कृतिकार का संदर्भ देना जरूरी समझा जाता है।

  7. मैं तो flickr से ही फोटो लेता हूं। कैसे पता चलेगा कि कोई फोटो पब्लिक डोमेन में है या नहीं।

    अनिल जी, फ्लिकर पर कोई फोटो पब्लिक डोमेन में नहीं है, सभी कॉपीराईट के अंतर्गत उनके मालिकों की संपत्ति हैं। लेकिन बहुत लोगों ने फ्लिकर पर अपनी फोटो क्रिएटिव कॉमन्स (creative commons) लाइसेन्स के अंतर्गत रखी हुई हैं जिसके अनुसार आप उनका प्रयोग कर सकते हैं बशर्ते आप लाईसेन्स ले नियमों और शर्तों का पालन करें। आप फ्लिकर पर किसी भी फोटो को क्लिक कर उसके पेज पर पहुँच सकते हैं। वहाँ पर दाहिने ओर साइडबार में “Additional Information” के नीचे फोटो के लाइसेन्स संबन्धी जानकारी होती है। यदि “All rights reserved” लिखा है तो आप बिना अनुमति फोटो का प्रयोग नहीं कर सकते। लेकिन यदि क्रिएटिव कॉमन का ज़िक्र है तो उस पर क्लिक कर लाईसेन्स की शर्तों को पढ़िए और फिर उन शर्तों का पालन करते हुए आप उस फोटो का प्रयोग उसके मालिक की अनुमति के बिना भी कर सकते हैं क्योंकि ऐसी स्थिति में क्रिएटिव कॉमन लाइसेन्स के अंतर्गत अपने माल को डाल उन्होंने आपको प्रयोग करने की अनुमति दे दी है बशर्ते आप लाइसेन्स का पालन करें। मैंने भी इस ब्लॉग पर अपने पिछले कुछ लेखों में फ्लिकर से लिए हुए कुछ फोटो आदि प्रयोग किए हैं लेकिन वे सब क्रिएटिव कॉमन लाइसेन्स के अंतर्गत हैं और लाइसेन्स का मैंने पूर्ण रूप से अपने लेख में पालन किया है।

    मैंने किसी साइट से अर्जुन सिंह या ब्रिटनी का फोटो उठाया (जो कि सेलेब्रिटी हैं, और इनके फोटो सर्वत्र उपलब्ध हैं) तो क्या वो भी चोरी हुई?

    रवि जी, बात सर्वत्र उपलब्ध होने की नहीं है। मैं यदि अपने घर के सामने वाले बाग़ में मौजूद एक गुलाब की फोटो लेता हूँ तो वह फोटो मेरा माल है। फूल तो सभी के लिए उपलब्ध है, कोई भी उसकी फोटो ले सकता है, जो फोटो लेगा वह फोटो उसका माल है। लेकिन यहाँ बात पब्लिक फिगर (public figure) की हो रही है। कॉपीराइट तो हर हाल में फोटो खींचने वाले का ही है, प्रश्न है कि क्या आप उसे बिना अनुमति प्रयोग कर सकते हैं कि नहीं। जहाँ तक मेरी जानकारी है, पब्लिक फिगर (public figure) या सेलेब्रिटी (celebrity) आदि का कोई फोटो जो हर जगह उपलब्ध है(जैसे प्रोमोशनल माल) उसका प्रयोग आप कर सकते हैं लेकिन यदि मैंने कोई खास फोटो खींचे हैं(फैशन शो में, या फोटोशूट में आदि) तो आप उनका प्रयोग मेरी अनुमति बिना नहीं कर सकते।

    और, क्या ये भी चोरी हुई कि किसी फोटो को इंटरनेट से उठाकर उसमें फोटो औजार से कुछ अदला-बदली कर इस्तेमाल कर लिया?

    जी बिलकुल, यह भी उतना ही संगीन अपराध है जितना कि फोटो या इमेज को उसके मूल रूप में प्रयोग करना। गौरतलब बात है कि अभी मैंने अनिल जी को फ्लिकर पर मौजूद तस्वीरों के बारे में बताते हुए क्रिएटिव कॉमन लाइसेन्स का ज़िक्र किया है वह लाइसेन्स भी हर बार आपको मूल रचना में बदलाव करने की अनुमति नहीं देता। यदि इस लाइसेन्स में no derivatives की शर्त है तो आप मूल रचना में कोई बदलाव नहीं कर सकते।

    ये भी बताएँ, कि लीगली, डैमेजेस के तौर पर ऐसी सामग्री के इस्तेमाल करने वाले को क्या समस्या हो सकती है?

    जिसके कॉपीराइट का उल्लंघन आप कर रहे हैं वह चाहे तो आप पर कॉपीराईट उल्लंघन का मुकदमा ठोक सकता है और हर्जाने का दावा कर सकता है(जो कि लाखों या करोड़ों रुपयों में भी हो सकता है)। दोषी पाए जाने पर अदालत द्वारा तय किए गये हर्जाने को आपको भरना पड़ सकता है, न भरने की स्थिति में जेल भी हो सकती है।

    क्या वह तब भी चोरी हुई जब उसे साभार सहित कड़ी देते हुए इस्तेमाल किया जा रहा है?

    हो सकती है, तब भी चोरी हो सकती है। फर्ज़ कीजिए कि मैं आपकी गाड़ी उठा के अपने घर ले आता हूँ और उस पर बोर्ड टाँग देता हूँ कि “साभार: रवि रतलामी” तो आप क्या कहेंगे? 😉 किसी का माल बिना उसकी अनुमति जबरन ले आना चोरी ही है, चाहे आप साभार दें अथवा न दें।

    रचनाकार समेत बहुत सी साइटों जिनमें कि गिज्मेडो इत्यादि भी है, चित्रों को साभार पुनः प्रकाशित करते हैं (आमतौर पर अनुमति प्राप्त करने का झंझट नहीं मोल लेते) तो इनमें क्या लीगल कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं?

    बिलकुल हो सकती हैं यदि आपके पास उक्त माल को प्रयोग करने की अनुमति नहीं है। क्रिएटिव कॉमन आदि जैसे लाइसेन्स एक तरह से लिखित अनुमति ही है जो आपको उस माल का प्रयोग करने की छूट देती है यदि आप उसकी शर्तों का पालन करते हैं। लेकिन यदि किसी ने अपने माल की कोई लिखित अनुमति नहीं दी तो आप उसका प्रयोग नहीं कर सकते। गिज़्मोडो आदि ब्लॉग के बारे में पता नहीं कि वे कैसे प्रयोग करते हैं लेकिन यदि अनुमति नहीं है तो प्रयोग गैरकानूनी है और यदि माल का मालिक चाहे तो मुकदमा ठोक सकता है और बहुदा चान्स है कि मालिक मुकदमा जीत भी जाएगा।

    क्या अब भी उन चित्रों को जहा से उठाया है उनको श्रेय दे दें?

    सागर जी, श्रेय देने से काम नहीं बनेगा ना!! पहले देखिए कि जो जिसका माल आपने उठाया है वह किसी लाइसेन्स के अंतर्गत प्रयोग करने की अनुमति देता है कि नहीं। यदि नहीं तो या तो आप लिखित अनुमति(ईमेल भी लिखित अनुमति होती है) ले सकते हैं और यदि आपका मन नहीं है तो मत लीजिए अनुमति लेकिन ऐसा करने पर आपके ऊपर सदैव एक तलवार टंगी रहेगी कि उक्त माल का मालिक कभी भी आपको अदालत ले जा सकता है!! 🙂

  8. बहुत ही बढ़िया जानकारी भाई साहब!!
    शुक्रिया!!
    वैसे गनीमत है कि “किसी का चैन चुराने” पर अभी तक कौनो कॉपीराईट लागू नईं होता, नई तो अपन तो कई बार नप गए होते अभी तक 😉

  9. अमित बहुत ही बड़िया जानकारी दी, ऐसे ही ब्लोगरों क भला करते रहो। सबसे अच्छी बात ये है कि तुम्हारा सम्झाने का तरीका बहुत बड़िया है, हम जैसे टेकनॉलजी चैलेंजड लोगों की समझ में आ जाता है, रवि जी की गाड़ी चुराने का उदाहरण…॥हा हा हा…वाह वाह

  10. वैसे गनीमत है कि “किसी का चैन चुराने” पर अभी तक कौनो कॉपीराईट लागू नईं होता, नई तो अपन तो कई बार नप गए होते अभी तक

    हा हा हा!! 😉

    सबसे अच्छी बात ये है कि तुम्हारा सम्झाने का तरीका बहुत बड़िया है, हम जैसे टेकनॉलजी चैलेंजड लोगों की समझ में आ जाता है, रवि जी की गाड़ी चुराने का उदाहरण

    धन्यवाद अनीता जी। लेकिन यहाँ टेक्नॉलोजी की तो बात है ही नहीं, कानूनी बातें हैं। समझ तो मेरे को भी शुरु में नहीं आतीं थी लेकिन कई जगह पढ़ के, अन्य लोगों से पूछ के थोड़ा बहुत समझ आने लगा। 🙂

  11. यह सिद्ध हो गया है कि गाहे बगाहे हम सभी चोर है 🙂

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